ध्यान करते वक्त सोचना बहुत होता है। लेकिन यह सोचने पर कि ‘मैं क्यों सोच रहा हूं’ कुछ देर के लिए सोच रुक जाती है। सिर्फ श्वास पर ही ध्यान दें और संकल्प कर लें कि 20 मिनट के लिए मैं अपने दिमाग को शून्य कर देना चाहता हूं। अंतत: ध्यान का अर्थ ध्यान देना, हर उस बात पर जो हमारे जीवन से जुड़ी है।
मैडिटेशन कैसे किया जाता है?
Meditation Kaise Kare
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Meditation के लिए शांत व खुले स्थान का चुनाव करें। Meditation किसी शांत एवं खुले जगह पर ही सबसे अच्छे से हो सकती है।
- सही समय का चुनाव करें।
- कुछ देर शांत और सीधा रहने का अभ्यास करें।
- अब धीरे-धीरे गहरी लंबी सांस ले।
- अब अपनी सांसों पर ध्यान केंद्रित करें।
- चेहरे पर मुस्कराहट रखें।
मेडिटेशन करने से पहले क्या करना चाहिए?
मेडिटेशन करने से पहले थोड़ी बहुत एक्सरसाइज जरूर कर लें. मेडिटेशन के लिए ऐसी मुद्रा चुनें जिसमें आप लम्बे समय तक बैठ सकें खुद को रिलैक्स करते हुए इस समय चेहरे पर मुस्कुराहट के भाव रखें. मेडिटेशन के पहले 10-15 मिनट तक गहरी सांस लें इससे आपका शांत भाव में जाना आरम्भ होता है.
ध्यान कब नहीं करना चाहिए?
मेडिटेशन में नींद से कैसे बचें
ध्यान शुरू करना एक अच्छा फैसला है लेकिन शुरुआत में आपको लंबे वक्त की मेडिटेशन से बचना चाहिए। क्योंकि शुरू में लंबे समय तक ध्यान लगाने से आपको नींद महसूस होगी। इसके लिए सबसे पहले आपको अपने मस्तिष्क को इस तरह से प्रशिक्षित करना होगा कि आपका ध्यान अटूट रहे।
मेडिटेशन करते समय क्या सोचना चाहिए? – Related Questions
ध्यान करने के 5 तरीके क्या हैं?
ध्यान करने के हजारों
तरीके हो सकते
हैं लेकिन आप अपने व्यस्त दैनिक जीवन में इन आसान से
तरीकों का इस्तेमाल करके
ध्यान में सफलता प्राप्त
कर सकते
हैं और इसका फायदा ले सकते
हैं।
ध्यान (मेडिटेशन) कैसे करें-ध्यान करने के आसान तरीके
- गिनती वाला ध्यान
- त्राटक ध्यान
- चलते फिरते ध्यान
- भँवरे वाला ध्यान
- कल्पना ध्यान
मेडिटेशन कितने समय करना चाहिए?
ध्यान और मेडिटेशन करने के लिए आपको हर दिन 30 मिनट की जरूरत होगी। लेकिन इसकी शुरुआत आप 10 मिनट या 15 मिनट से भी कर सकते हैं। आप चाहें तो 30 मिनट के ध्यान को 10 मिनट के 3 सेशन या 15 मिनट के दो 2 सेशन में बांटकर भी कर सकते हैं। अगर आपको शुरुआत में मन एकाग्र करने में दिक्कत हो तो परेशान ना हों।
ध्यान कितने बजे करना चाहिए?
रात्रि के भोजन से पहले ही ध्यान के लिए बैठें। प्रातःकाल सूर्योदय से पहले ध्यान करें।
ध्यान से शक्ति कैसे प्राप्त करें?
कैसे प्राप्त करें ध्यान की शक्ति : किसी भी सुखासन में बैठकर प्रतिदिन सुबह, शाम और रात सोते वक्त 15 मिनट का ध्यान करें। इसकी शुरुआत में मध्यम स्वर में तीन बार ॐ का उच्चारण करते हुए आंखें बंद कर लें। ध्यान के मध्य में श्वासों के आवगम को गहराएं। ध्यान के अंत में हाथों की हथेलियों से चेहरे को स्पर्श करते हुए आंखें खोल दें।
ध्यान कौन सी दिशा में बैठकर करना चाहिए?
याद रखें कि आप जब भी पूजा करें तो आपका मुख उत्तर-पूर्व या फिर उत्तर-पश्चिम की ओर करके बैठें।
बिना गुरु के ध्यान कैसे करें?
आप ज्ञान और ध्यान तभी पूरा पा सकते हैं, जब आप गुरू शिष्य की परंपरा का सही निर्वाह करेंगे। इस परंपरा में सबसे पहले शिष्य में सेवा का भाव होना जरुरी है। अगर आप मन में सेवा का भाव नहीं लाएंगे तब तक आप गुरु को नहीं पा सकेंगे।
दक्षिण दिशा में मुंह करके खाना क्यों नहीं खाना चाहिए?
वास्तु शास्त्र के अनुसार, दक्षिण दिशा की ओर मुख करके कभी भी भोजन नहीं करना चाहिए। इस दिशा की तरफ मुंह करके खाना खाने से दरिद्रता और कंगाली का सामना करना पड़ता है। माना जाता है कि ये दिशा पितरों की दिशा होती है, इसलिए इस दिशा में खाना बनाने या खाने की सलाह नहीं दी जाती है।
खाना कौन सी दिशा में मुंह करके खाना चाहिए?
खाना खाने की दिशा
-वास्तु शास्त्र के अनुसार पूर्व या उत्तर-पूर्व दिशा में मुख करके भोजन करना सबसे उत्तम माना जाता है. यदि आप पूर्व दिशा की ओर मुंह करके खाना खाते हैं तो ये मेंटल स्ट्रेस को दूर करने के लिए बहुत फायदेमंद होता है.
बेटी के घर का खाना क्यों नहीं खाना चाहिए?
इस प्रकार दान दी हुई बेटी के घर की किसी भी चीज पर माता पिता का कोई अधिकार नहीं होता। जिसको दान दिया जाता है ( दामाद) उसे भी अपने से ऊंचा मानते हैं। तो इसलिए माता पिता अपनी बेटी के ससुराल में खाना नहीं खाते हैं और कई लोग तो बेटी के घर का पानी भी नहीं पीते। पर अब ये सब मानने वाले न के बराबर है।
बिस्तर पर बैठ कर खाना खाने से क्या होता है?
वास्तु शास्त्र के अनुसार बिस्तर पर बैठकर खाना या पीना नहीं चाहिए। क्योंकि इससे मां लक्ष्मी रुष्ट हो जाती हैं और वह घर छोड़कर चली जाती हैं, जिसके कारण घर पर दरिद्रता का वास हो जाता है। इससे आपके घर में अशांति फैलती और घरवालों के ऊपर कर्ज चढ़ता है। इसके साथ ही आपको भी धनहानि का सामना करना पड़ता है।
कौन सी दिशा में सिर करके सोना चाहिए?
दक्षिण दिशा में सिर करके सोने के फायदे
वास्तु के अनुसार इस दिशा में सिर रखकर सोना सबसे श्रेष्ठ माना जाता है। माना जाता है कि इस दिशा में सिर रखकर सोने से आपकी सेहत अच्छी रहती है और आप सभी प्रकार की मानसिक समस्याओं से दूर रहते हैं। इस बात का ध्यान रखें के भूलकर दक्षिण में पैर करके न सोएं।
रात में पति और पत्नी को कैसे सोना चाहिए?
वास्तु के अनुसार उत्तर-पश्चिम और दक्षिण-पश्चिम दिशा पति पत्नी के लिए सोने की आदर्श दिशा है। पति पत्नी को अपना सिर दक्षिण की ओर और अपने पैर उत्तर की ओर करके सोना चाहिए।
बेडरूम में कौन से भगवान की तस्वीर लगानी चाहिए?
वास्तुशास्त्र के अनुसार, बेडरूम में पूर्व दिशा में उगते हुए सूरज की पेंटिंग लगानी चाहिए। इससे घर में पॉजिटिव एनर्जी आती है। यदि बेडरूम में ओम, स्वस्तिक या अन्य कोई शुभ चिह्न वाली पेंटिंग लगानी हो तो, उत्तर-पूर्व दीवार इसके लिए उपयुक्त मानी गई है।